SHIV CHALISA LYRICSL OPTIONS

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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।

किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद‍्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

सेवक स्तुति Shiv chaisa करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।

जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।

आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

नन्दि गणेश shiv chalisa lyricsl सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

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